मुजफ्फर हुसैन, जागता झारखण्ड, ब्यूरो राँची:- केंद्र सरकार द्वारा लाए गए वक्फ एक्ट 2025 के खिलाफ आगामी 13 अप्रैल को राजभवन के समक्ष आयोजित होने वाले महाधरना को लेकर रातू के सिमलिया रिंग रोड में ऑल मुस्लिम यूथ एसोसिएशन की ओर से एक पोस्टर जारी किया गया। इस अवसर पर एसोसिएशन के अध्यक्ष एस. अली ने कहा कि यह नया कानून मुस्लिम समुदाय की धार्मिक संपत्तियों, धार्मिक स्वायत्तता और मौलिक अधिकारों पर सीधा हमला है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कानून बिना किसी व्यापक सलाह-मशविरे और सुझावों को शामिल किए बिना, विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय के मुतवल्ली, जानकार लोगों और झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन द्वारा दिए गए सुझावों की अनदेखी करते हुए, बहुमत के बल पर जल्दबाज़ी में पारित किया गया है। एस. अली ने कहा कि यह नया वक्फ एक्ट एकतरफा और तानाशाही रवैए का प्रतीक है। उन्होंने स्पष्ट किया कि देशभर में मौजूद वक्फ संपत्तियों में मस्जिदें, मदरसे, ईदगाह, कब्रिस्तान, मजार, खानकाह, मकबरे और मुसाफिरखाने शामिल हैं, जो मुस्लिम समाज के पूर्वजों ने अपनी निजी ज़मीनें दान देकर इस्लामिक परंपराओं के अनुसार वक्फ के रूप में स्थापित की थीं। इनमें से कई दान मौखिक या सादे कागज़ों पर भी किए गए हैं, जिनका उपयोग आज भी धार्मिक और सामाजिक कार्यों के लिए किया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि सरकार को वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में गड़बड़ी, अतिक्रमण या आमदनी की कमी जैसी समस्याएं दिखती थीं, तो मौजूदा वक्फ एक्ट 1995 में संशोधन करके सुधार किया जा सकता था। नया कानून न केवल वक्फ संपत्तियों को नुकसान पहुंचाएगा, बल्कि यह अनुच्छेद 14, 25, 26 और 29 के अंतर्गत अल्पसंख्यकों को प्रदत्त संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन भी करता है।एक और गंभीर चिंता यह जताई गई कि वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति से धार्मिक संपत्तियों के प्रबंधन में बाहरी हस्तक्षेप बढ़ेगा। यह उस सिद्धांत के भी विरुद्ध है जिसके तहत हिंदू, सिख और अन्य धार्मिक ट्रस्टों में केवल संबंधित धर्मों के अनुयायी ही सदस्य होते हैं। इस मौके पर एडवोकेट शकील परवेज, आमया संगठन के पदाधिकारी इमरान अंसारी, नौशाद आलम, जियाउद्दीन अंसारी, अफ्ताब आलम, मोबिन अंसारी, मो. सईद, इमरोज अंसारी, इरफान आलम, अयूब अंसारी, जावेद अंसारी, हकीम अंसारी, मो. एजाज, रेहान अरशद, एजाज अंसारी, अब्दुल अंसारी, नौशाद अंसारी, अजीम अंसारी सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।
